धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को बंद करने के लिए गिरिडीह के सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. रेल मंत्री और प्रधानमंत्री के जवाबी पत्र की फोटोकॉपी है जिससे इस बात का पता चलता है. रेल मंत्री ने अपने जवाबी पत्र में कहा है कि ‘आपने धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को बंद किये जाने के संबंध में अनुरोध किया है. मामले की जांच करवायी जा रही है’. हालांकि डीजीएमएस की रिपोर्ट में भी इस मार्ग को खतरनाक बताते हुए बंद करने की सिफारिश की गयी थी. लेकिन सांसद के पत्र के बाद रेलवे हरकत में आ गयी. यह पत्र व्यवहार रेल लाइन बंद करने की तिथि 14 जून की मध्य रात्रि से पहले का है. रेल लाइन बंद होने के बाद सांसद पांडेय ने बंद ट्रेनों के परिचालन की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तो एड़ी-चोटी एक कर दी, लेकिन इस मार्ग को फिर से शुरू कराने के लिए एक बार भी आवाज नहीं उठायी. उनके रवैये से कतरास और आस-पास के लोगों में नाराजगी अभी तक है.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु का पत्र सांसद के नाम
पत्रांक संख्या एम.आर./ए/3973/2017 तिथि 29 मई 2017
प्रिय श्री रवींद्र कुमार पांडेय जी,
कृपया दिनांक 29.5.2017 के अपने पत्र का अवलोकन करें, जो इस कार्यालय में दिनांक 29.5.2017 को अनुलग्नक सहित प्राप्त हुआ है. जिसमें आपने पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को बंद किये जाने के संबंध में अनुरोध किया है. मामले की जांच करवायी जा रही है.
सादर
आपका
सुरेश प्रभु
प्रधानमंत्री ने भेजा 12 जून को जवाब
प्रिय श्री पांडेय आपका 29 मई 2017 का पत्र प्राप्त हुआ, जो पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत धनबाद-चंद्रपुरा (डीसी) रेल लाइन के संबंध में है. शुभकानाआओं सहित
आपका
नरेंद्र मोदी
इस फैसले से लाखों लोग हुए प्रभावित
14 जून की आधी रात से धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन से गुजरने वाली एक्सप्रेस, मेल व सवारी गाड़ी मिलाकर कुल 26 जोड़ी ट्रेने बंद कर दी गयीं. ट्रेनों के बंद होने का सबसे अधिक असर कतरास कोयलांचल पर पड़ा. लाखों लोग इससे प्रभावित हुए हैं. हजारों लोगों की रोजी-रोजगार छिन गया है. छात्रों को पढ़ाई बाधित हो गयी है. कतरास का व्यवसाय 40-50 प्रतिशत गिर गया है.
15 जून से चल रहा है आंदोलन
14 की रात से ट्रेन को बंद किये जाने के बाद 15 जून से कतरास कोयलांचल की जनता आंदोलनरत हैं. लेकिन सरकार पर इसका असर नहीं पड़ रहा है.
…और सांसद का जवाब
गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय से जब उनका पक्ष मांगा गया तो उन्होंने पत्र दिखाने की बात कहते हुए फोन काट दिया. फिर कॉल किया जाता रहा, लेकिन वह रिसीव नहीं कर रहे थे. 51 वें बार के रिंग पर उन्होंने फोन उठाया. जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने रेलमंत्री सुरेश प्रभु को पत्र भेजकर धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को बंद करने का अनुरोध किया था? इस पर वह गुस्सा हो गये और बोले-ज्यादा सवाल मत कीजिए. हम जो बोल रहे हैं, वह सुनिए. अन्यथा फोन काट देंगे. कल मेरा एक आदमी आपके पास जायेगा. उस पत्र के जवाब में मैंने सुरेश प्रभु जी को क्या लिखा है. उसके बाद आप हमसे कोई बात कीजिए. तब आपको जवाब देंगे. इस बीच सांसद प्रतिनिधि अनिल उपाध्याय ने फोन कर कहा कि सांसद ने धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन चालू करने संबंधी पत्र रेलमंत्री सुरेश प्रभु जी को भेजा है. पत्र की एक कॉपी कल प्रभात खबर को देंगे. आज नहीं दे सकते हैं. वह (सांसद) लगातार डीसी लाइन चालू कराने के लिए लगे हुए हैं.