बीसीसीएल जल्द बनेगी प्रॉफिट मेकिंग कंपनी : सीएमडी
कंपनी के नये सीएमडी अजय कुमार सिंह दिया योगदान
अधिकारियों व कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास से बीसीसीएल को आर्थिक तौर पर सुदृढ़ बनाना और श्रमिकों-कर्मियों के हितों का ध्यान रखना प्राथमिकता होगी. कंपनी जल्द ही प्रॉफिट मेकिंग कंपनी बनेगी.’ यह बातें बीसीसीएल के नये अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अजय कुमार सिंह ने कही. सोमवार को दोपहर बाद धनबाद पहुंचे श्री सिंह ने बीसीसीएल के 27वें सीएमडी के रूप में अपना योगदान दिया. छह अगस्त, 2015 को डॉ टीके लाहिड़ी के इस्तीफा देने के बाद से सीएमडी का पद प्रभार में चल रहा था. दो साल एक माह 18 दिन के लंबे इंतजार के बाद बीसीसीएल को स्थायी सीएमडी मिला है.
नयी ऊंचाई पर ले जायेंगे : सीएमडी श्री सिंह ने कहा कि ‘चालू वित्तीय वर्ष में ही घाटा को पाटने का प्रयास होगा, ताकि बीसीसीएल प्रॉफिट मेकिंग कंपनी बने. वर्तमान में कंपनी अपने वार्षिक उत्पादन व डिस्पैच लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है, जिससे अंत तक पूरा करने का हर संभव प्रयास होगा.
कल्याणेश्वरी मंदिर में पूजा की, नवरात्रि की शुभकामनाएं दी : सीएमडी श्री सिंह ने कंपनी के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को नवरात्रि के पावन पर्व की शुभकामनाएं दी और कंपनी के हितों की रक्षा में सहयोग की अपील की. बीसीसीएल को लाभकारी बनाने के लिए श्री सिंह ने सभी अधिकारियों, कर्मचारी व श्रमिक संगठनों के नेताओं से सहयोग की अपील की. श्री सिंह ने सीएमडी का पदभार ग्रहण करने से पहले अपनी पत्नी इंदु सिंह के साथ मां कल्याणेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की. मां से कंपनी की उन्नति के लिए आशीर्वाद मांगा.
14 जून को हुआ था चयन
बीसीसीएल के नये सीएमडी के रूप में अजय कुमार सिंह का चयन 14 जून को हुआ था. पब्लिक इंटरप्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड द्वारा नयी दिल्ली में आयोजित बीसीसीएल सीएमडी पद के साक्षात्कार में सबसे पहला नाम सीएमपीडीआइएल के निदेशक तकनीकी असीम कुमार चक्रवर्ती, दूसरा इसीएल के निदेशक तकनीकी अजय कुमार सिंह व तीसरा नाम एसइसीएल के महाप्रबंधक रवींद्र कुमार निगम का था. इसमें श्री सिंह का चयन हुआ.
11 अगस्त, 1983 : बीएचयू से बी-टेक करने के बाद श्री सिंह ने कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल के कथारा एरिया के जारंगडीह में बतौर जूनियर इंजीनियर-ट्रेनी (जेईटी) के रूप में अपना योगदान दिया था.
15 सितंबर, 2016 : समृद्ध खनन व प्रबंधकीय अनुभव के मद्देनजर श्री सिंह को इसीएल का निदेशक (तकनीकी) बनाया गया.
जूनियर इंजीनियर से सीएमडी तक का सफर
धनबाद. कोयला उद्योग में जूनियर इंजीनियर-ट्रेनी के रूप में सफर शुरू करनेवाले अजय कुमार सिंह आज कोल इंडिया लिमिटेड की महत्वपूर्ण सहायक कंपनी बीसीसीएल के सीएमडी जैसे महत्वपूर्ण पद पर पहुंचे हैं, तो उसके पीछे उनकी मेहनत, लगन व कर्तव्यनिष्ठा से इनकार नहीं किया जा सकता. स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद श्री सिंह ने 11 अगस्त, 1983 को कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल के कथारा एरिया के जारंगडीह में बतौर जूनियर इंजीनियर-ट्रेनी (जेईटी) के रूप में अपना योगदान दिया. वर्ष 1988 में श्री सिंह ने प्रथम श्रेणी के खान प्रबंधक की डिग्री हासिल की. कथारा एरिया में ही जूनियर इंजीनियर-ट्रेनी से आगे जाकर श्री सिंह ने प्रबंधक, परियोजना पदाधिकारी आदि पदों पर काम किया.
राष्ट्रपति पुरस्कार मिला : अगस्त 2001 में श्री सिंह का तबादला सीसीएल से इसीएल में किया गया. इसके पूर्व उच्च प्रबंधन ने श्री सिंह के अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें कुनुस्तोरिया एरिया की अमृतनगर व बंसरा कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी (एजेंट) की जिम्मेदारी सौंपी. परियोजना पदाधिकारी अपने कार्यकाल के दौरान श्री सिंह के ईमानदार प्रयास और योजनाओं व गतिविधियों के समय पर निष्पादन के कारण बंसरा कोलियरी के उत्पादन में तीन वर्षों की अवधि में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई. बंसरा कोलियरी की भूमिगत खान लाभकारी बन गयी. उन्हें भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार भी मिला.
पहली बार मुगमा एरिया के महाप्रबंधक बने : श्री सिंह ने केंडे, झनजरा और मुगमा क्षेत्र में अतिरिक्त महाप्रबंधक के रूप में भी काम किया. मार्च 2009 में उन्हें पहली बार इसीएल के मुगमा एरिया के महाप्रबंधक की जिम्मेदारी मिली. यहां भी उन्होंने अपनी प्रबंधकीय कुशलता सिद्ध की. बतौर महाप्रबंधक श्री सिंह के कार्यकाल में मुगमा एरिया के भूमिगत कोयला उत्पादन में 24 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गयी. इसके बाद श्री सिंह को सालानपुर क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया. सालानपुर में वर्ष 2013-14 में 2.27 मिलियन टन के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि देखी और एरिया का लाभ पिछले वर्ष की तुलना में चार गुना अधिक बढ़ गया. बतौर महाप्रबंधक उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सालानपुर एरिया की डेबोर कोलियरी की एक अंडर ग्राउंड कोलियरी को विभागीय ओपन कास्ट खदान में परिवर्तित करके उसे लाभकारी बनाया. मुगमा और सलानपुर एरिया में इनके कार्यकाल में कई सीएसआर की गतिविधियों को सफलता पूर्वक पूरा किया गया.
माइनिंग क्षेत्र में 33 वर्षों का अनुभव : श्री सिंह को अंडर ग्राउंड व ओपन कास्ट माइंस दोनों के संचालन, रखरखाव और प्रबंधन का करीब 33 वर्षों का अनुभव है. सीडीएफ, फ्रांस द्वारा आयोजित सात महीने के लिए मोटी-सीम खनन को लेकर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री सिंह ने वर्ष 1986 में फ्रांस का दौरा किया है. वर्ष 2010 में जर्मनी में कोल इंडिया के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में खनन उपकरण पर एक प्रदर्शनी में भाग लिया. वर्ष 2013 में उन्होंने एडवर्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम में भाग लेने के लिए स्वीडन और जर्मनी का भी दौरा किया. श्री सिंह के समृद्ध खनन व प्रबंधकीय अनुभव के मद्देनजर 15 सितंबर, 2016 को उन्हें इसीएल का निदेशक (तकनीकी) बनाया गया.
आइएसएम से ली एमटेक की डिग्री
सीएमडी अजय कुमार सिंह की प्रारंभिक पढ़ाई बिहार के औरंगाबाद जिले के देव गांव में हुई. रांची के संत जेवियर कॉलेज से इंटर साइंस की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1983 में बीएचयू से बी-टेक की डिग्री ली. नौकरी करते हुए श्री सिंह ने वर्ष 1990 में धनबाद स्थित आइएसएम से खान योजना और डिजाइन में एमटेक की डिग्री ली.