तारापीठ से ले कर अजंता एलोरा तक का होगा दर्शन
इस वर्ष दुर्गा पूजा में धनबाद शहर में तारापीठ मंदिर से ले कर अजंता एलोरा तक की अनुकृति वाले पंडाल नजर आयेंगे. कहीं रुद्राक्ष की मूर्ति होगी तो कहीं मिट्टी की.
शारदीय नवरात्र में पंडालों के पट खुलने में केवल 24 घंटे ही शेष रह गये हैं. मंगलवार को मूर्तियां पंडालों में पहुंचेंगी.
साथ ही 26 सितंबर को पट खुल जायेंगे. रविवार को शहर के बड़े पूजा पंडालों को अंतिम रूप देने में कारीगर लगे रहे. अधिकांश पंडाल लगभग पूर्ण हो चुके हैं. आयोजक पंडालों को फिनिशिंग टच दिलाने के अलावा लाइटिंग पर फोकस किये हुए हैं. दुर्गोत्सव के दौरान बारिश की संभावना से भी डरे आयोजक मौसम खराब होने से पहले सजावट का काम पूरा करा लेना चाह रहे हैं. इस बार हाउसिंग कॉलोनी में पूजा पंडाल का निर्माण तारापीठ मंदिर जैसा हुआ है. जबकि श्री श्री सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति पुराना बाजार का पंडाल अजंता एलोरा की तर्ज पर है. मनईटांड़ में 15 क्विंटल रुद्राक्ष से पंडाल एवं मूर्ति बनायी जा रही है. यहां देवी दुर्गा नटराज के रूप में नजर आयेंगी. सरायढेला में ग्रामीण परिवेश पर केंद्रित पंडाल बनाया गया है. नगर निगम बैंक मोड़ परिसर में भी आकर्षक पंडाल बनाया गया है.
आज पंडालों में पहुंचेंगी प्रतिमाएं
पूजा पंडालों में देवी दुर्गा की मूर्तियां सोमवार यानी पंचमी की रात से पहुंचनी शुरू हो जायेंगी. मंगलवार तक सभी पंडालों में मूर्तियां पहुंच जानी है. रविवार को भी कई पूजा समितियां मूर्तियों ले कर गयीं. खासकर जिले के दूर-दराज क्षेत्र के पूजा समिति वाले आज ही मूर्तियां ले गये.