बीसीसीएल. महाप्रबंधक व मुख्य प्रबंधकों का तबादला बना चर्चा का विषय
सोमवार को जारी हुए थी 35 अधिकारियों की तबादला सूची
एक आंख में काजल, तो दूसरे में सुरमा क्यों. उक्त कहावत कोल इंडिया की सहायक कंपनी बीसीसीएल पर चरितार्थ हुआ है. कंपनी उच्च प्रबंधन द्वारा एक ओर जहां दागी अधिकारियों का तबादला सेंसेटीव से नन सेंसेटीव पदों पर कर दिया गया है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ अधिकारियों को दागी होने के बावजूद सेंसेटीव पदों पर काबिज कर दिया है. इस आलोक में प्रबंधन द्वारा सोमवार को तबादला सूची जारी होने के बाद कंपनी मुख्यालय कोयला भवन से लेकर एरिया स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है. अधिकारी सवाल उठा रहे कि जब कंपनी एक है तो अधिकारियों के लिए अलग-अलग नियम-कानून क्यों?
दायी अधिकारियों को एरिया का कमान क्यों ?
अधिकारी सवाल उठा रहे है कि जब दागी होने के हवाला देते हुए कई एरिया महाप्रबंधकों की पदस्थापना एरिया से मुख्यालय में कर दिया गया, तो फिर दागी होने के बावजूद कुछ अधिकारियों को एरिया का कमान क्यों सौंपा गया. क्या कंपनी उच्च प्रबंधन दोहरी नीति के तहत काम कर रही है, इससे अधिकारियों का मनोबल नहीं टूटेगा.
नये सीएमडी के पदस्थापना से पूर्व तबादले का क्या औचित्य :
अधिकारी दबे जुबान में यह भी कह रहे है कि अब नये सीएमडी की पदस्थापना होने वाली है ऐसे में उनकी पदस्थापना से पूर्व तबादले का क्या औचित्य है. आखिर अचानक तबादला करने के पीछे उच्च प्रबंधन की मनसा क्या थी. तबादला करना ही था तो मार्च-अप्रैल से ही इसकी चर्चा थी, लेकिन तब नहीं किया गया.
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