भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आज कहा कि आगरा का ताजमहल और दिल्ली का लाल किला भारत की ऐतिहासिक धरोहर और स्थापत्य कला के बेमिसाल नमूने हैं, लेकिन मुगल बादशाह शाहजहां की बनायी दोनों इमारतों को देश की संस्कृति की पहचान नहीं माना जा सकता.
विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, हम ताजमहल की खूबसूरती और इसकी स्थापत्य कला का सम्मान करते हैं. लेकिन ऐसा नहीं मानते कि ताजमहल देश के संस्कारों और संस्कृति की प्रतिमूर्ति है. इसी तरह हम लाल किले को भी देश के संस्कारों और संस्कृति की प्रतिमूर्ति नहीं मानते. उन्होंने कहा, ये इमारतें हमारी ऐतिहासिक धरोहर और स्थापत्य कला के शानदार नमूने जरूर हैं.
न्यायपालिका तीज-त्योहारों को लेकर जन भावनाओं का सम्मान करे
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर उच्चतम न्यायालय के लगाये प्रतिबंध से जुड़े सवाल पर भाजपा महासचिव ने कहा, “हमारे देश में न्यायपालिका स्वतंत्र है और वह किसी भी मामले में दखल दे सकती है. लेकिन मेरा निजी मत है कि न्यायपालिका को कम से कम तीज-त्योहारों को लेकर जन भावनाओं का सम्मान करना चाहिये.
विजयवर्गीय ने कहा, ऐसा क्यों होता है कि हमें सूखी होली मनाने की सलाह दी जाती है और दीपावली पर कहा जाता है कि बच्चों के हाथों से फूलझड़ी छीन ली जाये. लेकिन क्या कोई व्यक्ति ऐसे त्योहारों के मामले में पाबंदी की बात कर सकता है जिनमें बड़ी संख्या में बकरे काटे जाते हैं.