समाहरणालय सभागार में झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष कमाल खान ने आज विभागीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. मौके पर उन्होंनें शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, ग्रामीण विकास, पेयजल सहित अन्य विभाग की क्रमवार समीक्षा की. मौके पर उन्होंनें शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा अधीक्षक से पूछा कि जिले में कितने अल्पसंख्यक विद्यालय हैं. उन विद्यालय में शिक्षकों की क्या स्थिति है. जिला शिक्षा अधीक्षक ने बताया कि जिले में कुल चार अल्पसंख्यक विद्यालय हैं जिसमें शिक्षकों के कुल पद 145 हैं .स्वीकृत पद के अनुरूप मात्र 45 शिक्षक हैं.
शैक्षणिक और चिकित्सा सुविधाओं पर दें ध्यान
इस पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया. कहा कि पदाधिकारी खुद ही विद्यालय का भ्रमण कर शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का प्रयास करें. उन्होंने मजाक के लहजे में कहा कि आजकल मौलवी भी डंडी मारने में कोई कमी नहीं छोड़ते. बच्चों को समय पर किताब, ड्रेस सहित अन्य मिलने वाली सुविधाओं को समय से मुहैया कराने को कहा. उन्होंनें उपविकास आयुक्त भोर सिंह यादव से कहा कि आप स्वयं शिक्षा विभाग पर विशेष नजर रखें.
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि वर्ष 2016-17 में 42 लाभुक के बीच 65 लाख 92 हजार 242 रूपये से असाध्य रोगी का इलाज करवाया गया. वहीँ 2017-18 में अब तक असाध्य रोगी को 17 लाख 91 हजार रूपये दिया जा चुका है.
उद्योग विभाग और बैंक में आपसी सामंजस्य नहीं :समीक्षा के क्रम में अध्यक्ष कमाल खान ने पाया कि उद्योग विभाग और बैंक के बीच तालमेल नहीं है. इस कारण बैंक के द्वारा दिये गये लोन की राशि वसूली नहीं हो पा रही है. उन्होंनें आपसी सामंजस्य का सुझाव दिया. यह भी कहा कि आपके द्वारा बेरोजगार को लोन तो दे दिया जाता है लेकिन लोन का सही उपयोग हो रहा है कि नहीं, उसकी जांच नहीं जरुरी नहीं समझते. लोन का पैसा किसी अन्य कार्य में खर्च कर दिया जाता है, जिस कारण बेरोजगारों की संख्या जस की तस बनी रहती है.
इस बैठक में उपविकास आयुक्त भोर सिंह यादव, एसी विधान चंद्र चौधरी, ग्रामीण विकास निदेशक रामवृक्ष महतो, जिला शिक्षा पदाधिकारी नारायण विश्वास, जिला परिवाहन पदाधिकारी महेंद्र माझी, जिला सूचना जनसंर्पक पदाधिकारी प्रतिभा कुजूर, समाज कल्याण पदाधिकारी चित्रा यादव सहित अन्य मौजूद थे.