झारखंड कौशल विकास मिशन के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीइओ) अमर झा ने कहा है कि कौशल विकास में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. खासकर माइनिंग सेक्टर में काफी कुछ किया जा सकता है.
श्री झा ने सोमवार को बीआइटी सिंदरी में खुले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निरीक्षण व सिमंस के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर बताया कि झारखंड के युवाओं को तकनीकी रूप से निपुण बनाने की कोशिश चल रही है. इसके तहत बीआइटी सिंदरी के अलावा राज्य के पांच पॉलिटेक्निक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोला गया है. आइआइटी (आइएसएम) धनबाद से भी एमओयू हुआ है. युवाओं को इस अभियान से जुड़ना चाहिए. सरकारी तकनीकी संस्थानों को भी इसका प्रचार- प्रसार करने को कहा गया है. 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के लोग इससे जुड़ सकते हैं.
माइनिंग सेक्टर में अपार संभावनाएं
झारखंड कौशल विकास मिशन और आइआइटी (आइएसएम) धनबाद के बीच 16 सिंतबर को एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ. मिशन की ओर से सीइओ अमर झा और आइएसएम की ओर से डीन विष्णु प्रिये ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये. सीइओ ने कहा कि झारखंड में माइनिंग सेक्टर में कौशल विकास और रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. झारखंड में देश के 40 प्रतिशत कोयला और मिनरल का भंडार है. इस क्षेत्र में दक्षता प्राप्त कुशल युवाओं की कमी है. आइएसएम माइनिंग सेक्टर स्किल कॉउंसिल, उद्योग जगत और ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ मिलकर रोजगार परक कोर्स तैयार किया जायेगा और उन्हें कौशल विकास के साथ जोड़कर नौकरी प्रदान की जायेगी. वहीं विष्णु प्रिये ने कहा कि संस्थान नॉलेज पार्टनर की भूमिका में इस क्षेत्र में झारखंड कौशल विकास मिशन का सहयोग करेगा. यहां ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स के लिए कार्यक्रम चलाये जायेंगे.