झारखंड की 50.58 लाख महिलाएं कुपोषित हैं. इसके कारण उनकी कद-काठी और वजन भी राष्ट्रीय स्तर से कम है. कुपोषित, कमजोर व कम वजन की महिलाअों की संख्या 50.58 लाख के करीब है. यह झारखंड में कुल महिलाअों की संख्या का 31.5 प्रतिशत है. यह अांकड़ा देश में सबसे निचले स्तर का है. मतलब यह कि झारखंड में महिलाअों का स्वास्थ्य दे अांकड़े के मुताबिकर हर तीन महिला में से एक महिला कुपोषित, कमजोर व कम वजन की है. इस तरह हर तीन में से एक महिला की कद-काठी भी राष्ट्रीय अौसत से कम है.
यूपी में 2.5 करोड़ तो बिहार में 1.65 करोड़ महिलाएं कुपोषित
हिंदी दैनिक हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड की तरह ही बिहार व यूपी में भी महिलाअों की भी स्थिति खराब है. यूपी में 2.5 करोड़ तो बिहार में 1.65 करोड़ महिलाएं कुपोषित, कमजोर, कम वजन की है. अौर उनका कद-काठी भी राष्ट्रीय स्तर से कम है. अांकड़े के मुताबिक यूपी में 25.3 प्रतिशत अौर बिहार में 30 प्रतिशत महिलाअों की स्थिति दयनीय है.
सरकार ने कहा था कुपोषित थी माताएं, इसलिए मरे बच्चे
पिछले माह मीडिया में यह खबर अायी थी थी जमशेदपुर स्थित एमजीएम अस्पताल में एक माह में 64 बच्चों की मौत हो गयी थी. खबरों में यह कहा गया था कि इलाज में लापरवाही की वजह से नवजात बच्चों की मौत हुुई. हालांकि सरकार ने जांच करके जो बात कही, वह झारखंड में महिलाअों की दयनीय स्थिति पुष्टि करता है. सरकार ने कहा था कि नवजात बच्चों की मौत कुपोषण के कारण हुई. यह स्पष्ट है कि नवजात तभी कुपोषित जन्म लेते हैं, जब उनकी मां कुपोषित व कमजोर होती है. गर्भवस्था के दौरान उन्हें सही भोजन नहीं मिलता.