पत्नी ने पांच लोगों पर आत्महत्या के लिए विवश करने का लगाया आरोप
मनईटांड़ निवासी राकेश कुमार को स्थानीय लोगों ने पुलिस के हवाले किया
झरिया थाना क्षेत्र के अमलापाड़ा निवासी पेट्रोल पंप संचालक सुब्रतो चौधरी (42) ने रविवार की दोपहर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. सूचना पाकर पहुंची झरिया पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया. व्यवसाय के दौरान हुए ऋण को चुकता करने का दबाव बनाये जाने के कारण उसने आत्महत्या की है. मृतक द्वारा छोड़े गये सोसाइडल नोट में यह उल्लेख है. पुलिस ने सुसाइडल नोट को बरामद कर लिया है. इधर, मृतक की पत्नी झूमा चौधरी ने इस संबंध में झरिया थाना में पांच लोगों पर अपने पति को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पांच में से एक आरोपी राकेश कुमार को पकड़ कर झरिया थाना के हवाले कर दिया. वह मनईटांड़ धनबाद का रहने वाला है. उसने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि अपना बकाया पैसा झरिया मांगने आया तो लोगों ने पकड़ लिया.
लोन के कारण काफी तनाव में रहते थे सुब्रतो चौधरी
अमलापाड़ा निवासी सुब्रतो चौधरी की पत्नी झूमा चौधरी ने पुलिस को बताया कि रविवार को मेरे पति सुब्रतो चौधरी सुबह से ही घर में थे. सुबह में करीब दस बजे मेरे घर पर चार से पांच लोग पहुंचे. पति के साथ उन लोगों ने एक कमरे में बैठ कर बातचीत की. उसके बाद दोपहर को पति खाना खाकर नीचे के कमरे में सोने के लिए चले गये. जब मैं किसी काम से शाम साढ़े चार बजे नीचे कमरे में पहुंची तो देखा कि दरवाजा बंद था. दरवाजा को धक्का देकर खोला तो देखा कि सुब्रतो पंखा से झूल रहा है. यह देख शोर मचाने लगी. उतार कर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
पैसा मांगने आये युवक को लोगों ने पुलिस को सौंपा
सुबह आये लोगों में से एक राकेश कुमार घर के बाहर ही बैठा था. स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया. राकेश कुमार ने पुलिस को बताया कि मैंने ढाई लाख रुपया उधार में सुब्रतो को दिया था. उस पैसे को मांगने के लिए घर के बाहर बैठा था. उसके बाद कुछ पता नहीं, लोगों ने मुझे पकड़ लिया.
बीवी-बच्चों को उठाने की धमकी मिल रही है, इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं
सुसाइडल पार्टनरों पर आरोप
झरिया. अमलापाड़ा निवासी सुब्रतो चौधरी ने अपने सुसाइडल नोट में लिखा है कि मेरी मौत का कारण तीन लोग हैं. उनमें शंभु प्रसाद अग्रवाल, राजेश कुमार दुबे, संजय श्रीवास्तव हैं. शंभु प्रसाद अग्रवाल व राजेश कुमार दुबे पेट्रोल पंप में मेरा पार्टनर हैं. हम लोग नेताजी फिलिंग पेट्रोल पंप को लीज पर लिया था. इन तीनों ने मिल कर करीब 30 से 35 लाख रुपये गबन कर लिये. मेरे द्वारा हिसाब मांगने पर भी नहीं दिया. उलटे सारा गबन का आरोप मुझ पर लगा दिया. पंप चलाने के लिए मुझे संजय श्रीवास्तव से 14 लाख रुपया उधार लेना पड़ा. उसके बाद संजय श्रीवास्तव को तीन किस्तों में करीब 16 लाख रुपया तीन माह में भुगतान कर दिया. उसके बाद भी संजय श्रीवास्तव ने बलपूर्वक एसबीआइ बरटांड़ शाखा का मेरे हस्ताक्षर कराकर 10 से 12 चेक ले लिये. उसमें 10 लाख रुपये का चेक बाउंस कराकर मुझ पर केस करा दिया. उसके बाद फोन द्वारा रोजाना मुझे बकाया पैसा नहीं देने, न देने पर मेरी पत्नी व बच्चे को उठा लेने की धमकी देने लगा. इससे विवश होकर मैं सुसाइट कर रहा हूं.
दबाव में बीमार चल रहे थे सुब्रतो चौधरी
पत्नी ने अपने बयान में कहा है कि पति सुब्रतो दो से तीन माह से काफी चिंतित व उदास थे. किसी न किसी व्यक्ति का फोन आते रहता था. घर पर भी कई अज्ञात लोगों का आना-जाना लगा रहता था. उनसे जब भी मैं पूछती तो वे कुछ भी नहीं बताते थे. इसी हाल में उनकी तबीयत बिगड़ गयी थी. वे इलाजरत भी थे. पति द्वारा लिखी गयी सुसाइडल नोट में शंभु प्रसाद अग्रवाल (राजगंज), राजेश कुमार दुबे (सिरसागढ़), संजय श्रीवास्तव (त्रिमूर्ति सदन बरमसिया) के अलावा पेट्रोल पंप मालिक बिंदेश्वरी सिंह, राकेश कुमार (मनईटांड निवासी ) को आत्महत्या के लिए विवश करने का आरोप लगाया है. कहा है कि इन्हीं लोग दोषी हैं. इधर, शव देख कर पत्नी झूमा चौधरी, पुत्र विष्णु (14) व शान (10), मृतक का भाई सुशांत चौधरी व पिता मलय चौधरी का रो-रोकर बुरा हाल था.
पत्नी के बयान पर आत्महत्या के लिए विवश करने की प्राथमिकी की जा चुकी है. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. व्यावसायिक कारणों से चौधरी ने आत्महत्या की है.
उपेंद्र नाथ राय, इंस्पेक्टर, झरिया