नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई 22 वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में लिये गये फैसेलों में कंपोजीशन स्कीम की लिमिट बढ़ाना, रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को मासिक के बजाए तिमाही आधार पर भरना अनिवार्य करना और कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दरों को कम करना शामिल है.
छोटे कारोबारियों को बड़ा फायदा
जीएसटी काउंसिल की बैठक से छोटे कारोबारियों को बड़ा फायदा मिल गया है. काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम का फायदा लेने की सीमा को 75 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए कर दिया है. इस स्कीम के तहत कारोबारियों को सिर्फ दो प्रतिशत का टैक्स चुकाना होता है.
रिटर्न फाइलिंग में भी राहत
एक जुलाई को वस्तु एवं सेवा कर लागू होने के बाद जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 फॉर्म हर महीने भरना होता था. अब ये तीनों फॉर्म तिमाही आधार पर भरने होंगे. हलांकि टैक्स का भुगतान हर महीने करना होगा. यह सुविधा डेढ़ करोड़ तक टर्न ओवर वाले कारोबारियों के लिए ही है. ऐसे कारोबारियों के लिए जुलाई-अगस्त और सितंबर इन तीनों महीनों में जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2,जीएसटीआर-3 और जीएसटीआर-3B भरना अनिवार्य होगा. वहीं अक्टूबर से शुरू होने वाली तिमाही से उन्हें हर महीने सिर्फ जीएसटीआर-3B भरना होगा. तिमाही पर जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3भरने होंगे. डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा टर्न ओवर वाले कारोबारियों को दिसंबर तक चारों रिटर्न भरने होंगे. वहीं जनवरी से जीएसटीआर-3 सभी के लिए खत्म हो जाएगा.
एक्सपोर्टर का बनेगा ई वॉलेट
अब हर एक्सपोर्टर का ई वॉलेट बनेगा. इस वॉलेट में एडवांस रिटर्न के लिए एक तय रकम होगी. सरकार ने एक अप्रैल 2018 से ही निर्यातकों के लिए ई-वॉलेट व्यवस्था शुरू करने का लक्ष्य तय किया है. इस व्यवस्था को एक कंपनी विकसित करेगी.
नियार्तकों को 10 अक्तूबर तक टैक्स रिफंड
देश के निर्यातकों को 10 अक्टूबर से टैक्स रिफंड किया जाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि निर्यात पर 0.1 फीसद का जीएसटी लागू है.
27 वस्तुओं पर सुाधीर गयी टैक्स की दरें
जीएसटी काउंसिल ने 27 वस्तुओं पर कर की दरों में संशोधन किया है. इनमें आम, खाखरा, आयुर्वेदिक दवाएं, स्टेशनरी के कई सामान, हाथ से बने धागे, प्लेन चपाती, आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट, अनब्रैंडेड नमकीन, अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाएं, डीजल इंजन के पार्ट्स, दरी (कारपेट), प्लास्टिक वेस्ट, रबर वेस्ट, पेपर वेस्ट, और मैन मेड यार्ड प्रमुख रुप से शामिल है.
आईजीएसटी से बार होंगे छोटे सेवा आपूर्तिकर्ता
जीएसटी काउंसिल का कहना है कि ऐसे सेवा आपूर्तिकर्ता आईजीएसटी (इंटीग्रेटेड जीएसटी) के दायरे से बाहर रहेंगे जिनका कुल राजस्व 20 लाख रुपए से कम होगा.
एसी रेस्टोरेंट में खाना होगा सस्ता
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की कि मंत्रियों का एक समूह ने एसी रेस्टोरेंट पर टैक्स की दर को फिर से समीक्षा करेगा. ऐसे में एसी रेस्टोरेंट में खाना खाना सस्ता हो सकता है क्योंकि काउंसिल के सदस्यों में इस पर लगने वाली जीएसटी दर को कम करने पर सहमति जता दी है. इस पर जीएसटी दर को घटाकर 12 फीसद किया जा सकता है जो कि मौजूदा समय में 18 फीसदी है. मंत्री समूह इस मामले पर अपनी रिपोर्ट अगले 14 दिनों में सौंप देगा.
कंपोजीशन स्कीम वाले मैन्युफैक्चरर और ट्रेडर को देना होगा टैक्स
वित्त मंत्री ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग फर्म को कंपोजीशन स्कीम के तहत दो फीसदी का टैक्स चुकाना होगा. वहीं कंपोजीशन स्कीम के अंतर्गत आने वाले रेस्टोरेंट को भी पांच फीसदी का टैक्स देना होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि कंपोजीशन स्कीम का फायदा लेने वाले व्यापारियों को तिमाही आधार पर रिटर्न भरना होगा. साथ ही कंपोजीशन स्कीम के दायरे में आने वाले ट्रेडर्स को भी एक फीसदी का टैक्स देना होगा.
50 हजार से ज्यादा की ज्वैलरी खरीद पर अब पैन कार्ड नहीं
जीएसटी काउंसिल ने ज्वैलरी कारोबार को बड़ी राहत दे दी है. अब 50 हाजर रुपए से ऊपर की ज्वैलरी खरीदने पर न तो पैन कार्ड देना होगा और न ही अब इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी. सरकार ने ज्वैलरी खरीद के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के रोकथाम के प्रावधानों को विस्तार देने वाली अधिसूचना को रद्द कर दिया है. अब ज्वैलर्स को वित्तीय खुफिया इकाई (फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट) को बायर्स की डेटा रिपोर्ट नहीं देनी होगी.
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म और ई-वे बिल
सरकार ने रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को मार्च 2018 तक स्थगित कर दिया गया है. इसके पीछे सरकार की यह दलील है कि अभी लोगों को इसे समझने में दिक्कतें आ रही हैं. वहीं ई-वे बिल को जनवरी से लागू किए जाने की कोशिश शुरू की जाएगी और मार्च-अप्रैल तक इसके पूरी तरह से लागू होने की उम्मीद है.