जीएसटी की दरों को लेकर लगातार निशाने पर रही केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ी राहत की घोषणा की है. दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित जीएसटी कौंसिल की बैठक में सरकार ने छोटे कारोबारियों और ज्वेलर्स को राहत दी है. जीएसटी काउंसिल की 22वीं बैठक में 26 वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स की दरें कम की गईं, वहीं निर्यातकों को ई-वॉलेट से 10 अक्टूबर से मिलेगा रिफंड मिलेगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उसकी जानकारी दी. वित्त मंत्री ने कहा, ‘जीएसटी को लागू किए हुए लगभग तीन महीने पूरे हो गए हैं. पहले दो महीनों की रिटर्न भी फाइल हुई हैं. इसका अलग-अलग कारोबारों पर क्या असर है और लोगों के क्या अनुभव रहे हैं, इन मुद्दों पर इस बैठक में चर्चा हुई.
रिफंड जांच कर एक्सपोर्टरों को दिये जायेंगे चेक
उन्होंने कहा की जीएसटी एक प्रमुख विषय था, छोटे कारोबारी और निर्यात के क्षेत्र पर जीएसटी के असर पर खासतौर पर चर्चा हुई. विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी की दर और रिवन्यू कलेक्शन पर चर्चा हुई. कलेक्शन की स्थिति इस वजह से साफ नहीं हो सकती क्योंकि यह ट्रांजेक्शन का दौर रहा है. उन्होंने कहा कि एक्पोर्टर की धनराशि ब्लॉक हो गई है. जिससे उसे पैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. रिफंड की व्यवस्था सामान्य होने में कुछ समय लगेगा. 10 अक्टूबर से जुलाई और 18 अक्टूबर से अगस्त के महीने का रिफंड जांच कर एक्सपोर्टरों को चेक दे दिए जाएंगे. दीर्धकालीन समाधान के लिए हर एक्सपोर्टर ई-वालेट का बनेगा और एक निश्चित धनराशि उसे एडवांस रिफंड के लिए दी जाएगी. यह ई-वालेट अप्रेल 2018 तक दे दिया जाएगा.
कंपोजीशन स्कीम लेने की सीमा 1 करोड़ रुपए हुई
जेटली ने कहा की जीएसटी के पैटर्न में कलेक्शन पैटर्न है उसमें जो बड़े करदाता हैं उनसे सबसे ज्यादा कर आया है. जो मध्यम और छोटे करदाता हैं उनकी तरफ से कम या शून्य टैक्स आया है. विस्तृत अध्ययन किया है इस बारे में. जो 94-95 फीसदी टैक्स जो बड़े करदाता से आता है उसका फ्लो बढ़ता रहे. जो मध्यम और छोटे करदाता है वे टैक्स स्लैव में आते रहें. उन्होंने कहा कि कंपोजिशन स्कीम का दायरा बढ़ाया गया है. अब 75 लाख के स्थान पर 1 करोड़ का जिनका टर्न ओवर है वे इसके दायरे में आएंगे. इसके तहत जो ट्रेडिंग करते हैं वे एक फीसदी टैक्स देंगे, जो निर्माता हैं उन्हें दो फिसदी और जो रेस्टोरेंट कारोबार में हैं उन्हें 5 फीसदी कर देना होगा.
डेढ़ करोड़ के टर्नओवर वाले 3 महीने में फाइल करेंगे रिटर्न
कंपोजिशन स्कीम में तीन महीने में रिर्टन दाखिल करना होता है. जिनकी डेढ़ करोड़ की टर्न ओवर है वो अब मासिक रिर्टन के स्थान पर तिमाही रिटर्न दाखिल कर पाएंगे. जीएसटी की काउंसिल के तहत से जो ग्रुप ऑफ मिनिस्टर होगा वह अन्य मुद्दों पर अध्ययन करके रिपोर्ट देगा. जो रेस्टोरेंट हैं और जो एक करोड़ से कम टर्न ओवर वाले हैं (5 फीसदी के दायरे में आते हैं), बड़े एसी वाले रेस्टोरेंट (18 फीसदी टैक्ट) की दरों पर फिर से विचार करने का सुझाव आया है.’
20 लाख से कम टर्नओवर पर इंटरस्टेट सर्विस टैक्स हटा
जेटली ने कहा कि ई-वे बिल कर्नाटक में शुरू हो चुका है. उनका अनुभव अच्छा रहा है. पहली अप्रैल से इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. जब कोई रजिस्टर्ड डीलर किसी अन रजिस्टर्ड डीलर से माल खरीदता है तो उस दौरान आने वाली परेशानियों पर भी चर्चा की गई. सर्विस दाता जिनका टर्न ओवर 20 लाख से कम है. उन्हें इंटरस्टेट सर्विस टैक्स से हटाया गया है.
24 वस्तुओं पर टैक्स की दरों को फिर से निर्धारित किया गया है. खाकड़ा 12 से 5, बच्चों के फूड पैकेट 18 से 5, अनब्रांडेड नमकीन 12 से 5 फीसदी, अनब्रांडेड आयुर्वेदिक 18 से 5,पेपर वेस्ट 12 से 5, रबर वेस्ट, मैनमेड धागा 18 से 12 किया गया है. इसका टेक्सटाइटल उद्योग पर असर होगा. कोटा स्टोन आदि को 28 से 18, स्टेशनरी के आइट्मस 28 से 18, डीजल इंजन के पार्ट 28 से 18, ई-वेस्ट 28 से 5, सर्विस सैक्टर में जॉब वर्क 5 फीसदी के दायरे में लाए गए हैं.
जीएसटी के 10 नये बदलाव
1. ज्वैलरी कारोबार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए के दायरे से बाहर कर दिया गया है. जीएसटी में बदलाव के बाद अब 2 लाख रुपये तक की ज्वैलरी की खरीदारी पर पैन देना जरूरी नहीं होगा. पहले 50 हजार रुपये से ज्यादा की खरीदारी पर PAN देना अनिवार्य था.
2. अब हर 3 महीने में रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था पर सहमति बन गई है. 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर पर हर 3 महीने में रिटर्न भरनी होगी. कंपोजिशन स्कीम की सीमा 75 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है.
3. निर्यातकों को 6 महीने के लिए राहत, 6 महीने बाद हर एक निर्यातक को ई-वॉलेट मिलेगा. ई-वॉलेट सिस्टम 1 अप्रैल 2018 से पूरी तरह लागू हो जाएगा. इस व्यवस्था को एक कंपनी विकसित करेगी.
4. जेटली ने कहा कि एक करोड़ से ज्यादा टर्नओवर और एसी चार्ज वाले रेस्टोरेंट जो 18 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आते हैं. वित्तमंत्री ने कहा कि रेस्त्रां के टैक्स सिस्टम में बदलाव किया गया है. अब मालिकों को 5 प्रतिशत टैक्स देना होगा.
5. निर्यातकों को 10 अक्टूबर से टैक्स रिफंड किया जाएगा. वित्तमंत्री ने कहा कि निर्यात पर 0.1 प्रतिशत का जीएसटी लागू है.
6. जेटली ने कहा कि आम, खाखरा और आयुर्वेदिक दवाओं पर जीएसटी की दर 12 से 5 फीसदी की गई है. स्टेशनरी के कई सामान पर जीएसटी 28 से 18 प्रतिशत कर दी गई है. हाथ से बने धागों पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत कर दी गई है.
7. प्लेन चपाती पर जीएसटी 12 से 5 प्रतिशत कर दी गई है. आईसीडीएस किड्स फूड पैकेट पर जीएसटी 18 से 5 प्रतिशत की गई है.
8. अनब्रैंडेड नमकीन पर 5 प्रतिशत जीएसटी की दर लागू होगी. यही दर अनब्रैंडेड आयुर्वेदिक दवाओं पर भी लागू होगी.
9. डीजल इंजन के पार्ट्स पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगी. साथ ही दरी (कारपेट) पर जीएसटी की दर को 12 से 5 प्रतिशत कर दिया गया है.
10. सबसे बड़ी राहत ये है कि अब एक ही फॉर्म से जीएसटी फाइल की जा सकेगी. साथ ही रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को मार्च 2018 तक स्थगित कर दिया गया है.