गुलबर्ग सोसायटी दंगों के मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है. कोर्ट ने क्लीन चिट दिये जाने को चुनौती देने वाली एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की याचिका को रद्द कर दिया है.
मोदी समेत 56 आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी
ये याचिका राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को निचली अदालत की ओर से क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ दायर की गई थी. साथ ही हाईकोर्ट एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. इस पर सुनवाई 3 जुलाई को पूरी कर ली गई थी. हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई है. लोअर कोर्ट ने एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को मानते हुए मोदी समेत 56 आरोपियों को क्लीनचिट दे दी थी.
मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ आपराधिक पुनर्विचार याचिका दायर की थी
दिवंगत पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जकिया और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ ‘सिटीजन फार जस्टिस एंड पीस’ ने दंगों के पीछे ‘बड़ी आपराधिक साजिश’ के आरोपों के संबंध में पीएम मोदी और अन्य को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखने के मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ आपराधिक पुनर्विचार याचिका दायर की थी.
क्या है पूरा मामला
साल 2013 के दिसम्बर महीने में गुजरात दंगों के मामले में अहमदाबाद कोर्ट से नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट मिल गई थी. साल 2002 में गुजरात में दंगे हुए थे. इन दंगों में करीब एक हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी. दंगों के वक्त मोदी मुख्यमंत्री थे. इस हमले में ही कांग्रेस नेता एहसान जाफरी मारे गए थे.