सरकारी कंपनियों को भी कराना होगा निबंधन
धनबाद. कोलियरी से वाशरी तक कोयला लाने के लिए भी अब कोयला कंपनियों को परमिट बनाना होगा. साथ ही सभी कोयला कंपनियों को रेलवे साइडिंग तथा वाशरी का निबंधन कराना होगा.
ये बातें गुरुवार को जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक में जिला खनन पदाधिकारी ने कही. बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त ए दोड्डे ने की. बैठक में एसएसपी मनोज रतन चोथे, डीएफओ सौरभ चंद्रा, एडीएम (विधि-व्यवस्था) राकेश दुबे, एसी सत्येंद्र कुमार के अलावा कोयला कंपनियों के जीएम, डीजीएमएस के प्रतिनिधि मौजूद थे. बैठक में जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कोयला चोरी का मामला उठा. खासकर कालूबथान, मैथन, बलियापुर एवं सिंदरी क्षेत्र में कोयला चोरी पर रोक के लिए पुलिस को सख्त कार्रवाई करने को कहा गया. जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि निरसा एवं कालूबथान थानांतर्गत बीसीसीएल के सीवी क्षेत्र एवं इसीएल के मुगमा क्षेत्र में कोयले के अवैध खनन एवं परिवहन की शिकायत मिलती रहती है. इसकी निगरानी एवं कोयला चोरी की रोकथाम की जिम्मेदारी कोल कंपनियों की है. बैठक में इसीएल के जीएम द्वारा बताया गया कि अवैध खनन मुहानों की नियमित भरायी की जाती है एवं इसकी सूचना थाना को भी जाती है.
बंद खदानों के मुहाने की डोजरिंग करायें : डीसी
बैठक में जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि बीसीसीएल के अन्य क्षेत्रों में बंद खदानों में कोयला चोरी से संबंधित मामले प्रकाश में आते रहते हैं. डीसी ने बीसीसीएल के सभी महाप्रबंधकों को अपने–अपने क्षेत्र की बंद कोयला खदानों के अवैध खनन स्थलों को चिह्नित कर उसकी डोजरिंग एवं पूर्णरूपेण भरायी कराने का निर्देश दिया. साथ ही इसकी सूची माइनिंग टास्क फोर्स समिति को उपलब्ध कराने को कहा गया. डीएमओ ने बताया कि बीसीसीएल एवं इसीएल से कोयला लेकर कालूबथान, मैथन, बलियापुर एवं सिंदरी शहर होकर अवैध कोयला नाव के माध्यम से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है. इसकी शिकायत प्राप्त हुई है. पुलिस को कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया.