धनबाद. कोयलांचल के पूजा पंडालों में विजय दशमी के मां दुर्गा को विसर्जित किया गया. सभी स्थानों पर महिलाओं ने एक दूसरे को खोइंचा दिया और उसके बाद सिंदुर खेल खेली, इसके साथ ही मां को नम आंखों से विदाई दी गयी. पौराणिक कथा है कि मां दुर्गा अपने संतान के साथ चार दिनों के लिए अपने माइके आती है और विदाई के समय सिंदूर खेला जाता है, इससे खेल को खेलने वालों को वैवाहिक जीवन सुखद रहती है और दोनों की जोड़ी सलामत रहती है. इसी मान्यता के साथ सिंदुर खेल किया जाता है. वहीं यह खेल खास कर शहर के लगभग पूजा पंडाल में देखने को मिला.
कई पूजा पंडाल में कल होगा विसर्जन
शहर के कई पूजा पंडाल शनिवार को विसर्जन कर दिये गये. विसर्जन के साथ ही मेला व अन्य सुविधाएं भी हट गयी, लेकिन शहर के कई बड़े पूजा पंडाल सोमवार को मां दुर्गा का विसर्जन करेंगे, और रविवार व सोमवार को मेला भी लगा रहेगा. इसमें खास कर शहर के स्टील गेट, तेतुलतल्ला मैदान, डीएवी स्कूल ग्राउंड पुराना बाजार, मनईटांड, न्यू स्टेशन रेलवे कॉलोनी पुजा पंडाल, धनसार पूजा पंडाल, नगर निगम व शास्त्री नगर पूजा पंडाल में माता विराजी हुई है, जबकि हीरापुर हरिमंदिर, हीरापुर दुर्गा मंदिर, धैया पुजा सहित अन्य स्थानों पर शनिवार को मां दुर्गा का विसर्जन किया गया.
उत्साह में कमी नहीं
रविवार को भी पूजा पंडाल में भक्तों की भीड़ कम होती नहीं दिखी, पांचवा दिन सभी बड़े पूजा पंडाल में कई स्थानों से भक्त पहुंचे और पूरा पूजा का मला लिया. वहीं बच्चों ने सुबह से लेकर रात तक झूला पर झूलते दिखे, जबकि दो तीन दिन बारिश के बाद कई पूजा बढ़ने से दुकानदारों को थोड़ा राहत मिला.