केबिनेट ने राज्य में आठ डिग्री कॉलेज खोलने की प्रशासनिक स्वीकृति दी है. आठ डिग्री कॉलेजों की स्थापना पर 1.26 अरब रुपये खर्च अयेंगे. प्रत्येक कॉलेज के लिए 15.77 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है. डिग्री कॉलेज उन विधानसभा क्षेत्रों में खोले जायेंगे, जहां अब तक कोई कॉलेज नहीं है. खिजड़ी, बरही, गोमिया, टुंडी, बोरियो, बरहेट, शिकारीपाड़ा व नाला में डिग्री कॉलेज खोलने की मंजूरी दी गयी है. इसके साथ ही केबिनेट की बैठक में अंचल अधिकारी (सीओ) रैंक के दो अफसरों को बरखास्त करने का भी फैसला लिया गया है. चतरा के कार्यपालक दंडिधिकारी डॉ अनवर हुसैन और कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव सूर्यमणि अचार्य को बरखास्त कर दिया गया है. डॉ अनवर हुसैन पर अरोप है कि उन्होंने पांकी का सीओ रहते हुए गंभीर अनिमितताएं की. उन पर लगे अनियमितता के 20 आरोप जांच में सही पाए गए. कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव सूर्यमणि आचार्य पर गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चयनित होने का प्रमाण मिला है.
केबिनेट के अन्य फैसले
– विशेष रेल परियोजना के लिए 0.229 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए कोडरमा जिला प्रशासन को 17.74 लाख रुपये अवंटित करने के साथ ही डीएफसीसीआइएल को जमीन हस्तांतरण की अनुमति दी गयी.
– एचइसी रांची के पूर्नवास एवं पुर्नस्थापना के लिए हुडको से 2016 करोड़ रुपये ऋण लिए जाने की स्वीकृति. इस कार्य में 246.62 करोड़ रूपया खर्च होगा. जिसमें 30.62 करोड़ रुपया राज्य के आंतरिक संसाधन से पूरा किया जाएगा.
– अर्थ और सांख्यिकी निदेशालय के सांख्यिकी संवर्ग के दो कर्मियों को योजना सह वित्त विभाग के नियंत्रण में जिला योजना इकाई के अवर योजना पदाधिकारी के पद पर सेवा बदलने/सम्परिवर्तित करने की मंजूरी दी गई.
– न्यायमूर्ती पद्मनाभन आयोग की अनुशंसा के आलोक में झारखण्ड न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों के पुनरीक्षित वेतनमान में संशोधन को घटनोत्तर स्वीकृति दी गई.
– झारखण्ड राज्य क्षेत्रीय लिपिक (समाहरणालय सहित) सीमित प्रतियोगिता परीक्षा (मूल कोटि) नियामवली को स्वीकृति दी गई.
– राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेटों तथा अंशकालिक पदाधिकारियों को विशिष्ट राष्ट्रीय एकीकृत सिविरों में भाग लेने के दौरान दिए जाने वाले पूर्व के भोजन भत्ता 120 रुपया प्रतिदिन को बढ़ाकर 150 रुपया प्रतिदिन किया गया.
– कोल्हान विश्व विद्यालय चाईबासा में उड़ीया भाषा विभाग खोलने तथा उसके लिये पदों का सृजन करने की मंजूरी दी गई.
– हजारीबाग नगर निगम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट) योजना के लोक निजी भागीदारी के आधार पर कार्यान्वयन हेतु 321.85 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी. कुल अनुदान राशि 123.04 करोड़ रुपये होगा, जिसमें से एसबीएम के केन्द्रीय मद से 7.76 करोड़ रुपया तथा एसबीएम के राज्य योजना से 20 वर्षों के लिये कुल राशि 115.28 करोड़ रुपया खर्च करने की स्वीकति दी गयी.
– स्मार्ट सीटी योजना के लिये रांची शहरी क्षेत्र में कमाण्ड कंट्रोल एवं कम्यूनिकेशन सेंटर के बनाने को मंजूरी दी गयी.
– ई-गोवर्नेंस से संबंधित कार्यों के निष्पादन एवं जिला प्रशासन के सहयोग हेतु डीइजीएस सोसाइटी के लिए क वर्ष के लिये 332 पदों की स्वीकृति दी गयी. साथ ही इनके वेतन आदि के लिये अनुदान के रूप में 9.96 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी.
– देवघर जिला के बुढ़ई जलाशय परियोजना के निर्माण के लिये 1520.87 रूपये की स्वीकृति दी गई.
– हजारीबाग के नगवां हवाई अड्डा के विस्तार और विकास के लिये 245.514 एकड़ भूमि के अधिग्रहण तथा उस पर होने वाले अनुमानित व्यय के लिए 194.70 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी गयी.
– पलामू के चियांकी हवाई अड्डा के विस्तार और विकास के लिये 12.44 एकड़ भूमि के अधिग्रहण तथा उस पर होने वाले अनुमानित व्यय के लिये 76.02 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी गयी.
– रिम्स रांची, पीएमसीएच धनबाद, एमजीएमसीएच जमशेदपुर में ट्यूटर व सीनियर रेजीडेंट की नियुक्ति के लिये कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा निर्धारित उम्र सीमा में वृद्धि करने की मंजूरी दी गई.
– उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 (यथा संशोधित) की धारा 16 के अंतर्गत झारखण्ड उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष पद पर सेवा निवृत्त न्यायाधीश तमन सेन की नियुक्ति की मंजूरी दी गई.
– सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 के प्रावधानों के आलोक में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के विकास के लिये नियमावली की मंजूरी दी गई. यह नियमावली ‘‘ झारखण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास नियमावली 2017’’ के नाम से जाना जायेगा.
– झारखण्ड राज्य में खनिज ब्लॉक के भूतात्विक अन्वेशन के लिये मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड, नागपुर को तीन वर्ष के लिये नामांकन के आधार पर चयनित करने की मंजूरी दी गई.
– गढ़वा जिले में पाईपलाईन के माध्यम से विभिन्न जलाशयों एवं जल निकायों में आवश्यकता के अनुरूप पेयजल एवं सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने के लिये 1064 करोड़ की मंजूदी दी गई.
– राज्य योजना के अन्तर्गत 13 जिलों के 105 प्रखण्डों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के स्थापना के फलस्वरूप कार्य करने के लिये 105 राजपत्रित एवं 630 अराजपत्रित पदों की सृजन की मंजूरी दी गई.
– राज्य के वैसे न्यायमंडल जहां के कुटुम्ब न्यायालयों में लम्बित वादों की संख्या 500 से अधिक है, वहां के लिए आठ अतिरिक्त कुटुम्ब न्यायालय के गठन की स्वीकृति दी गई.