मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मोदी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम को ‘‘पाखंड’’ बताया. कहा कि केन्द्र सरकार विपक्ष के नेताओं को चुन चुन कर भ्रष्टाचार के मामलों में फंसा रही है. माकपा के आज जारी वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान को आड़े हाथों लिया गया जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करने की बात कही थी.
इन मामलों में भाजपा नेताओं के नाम, करें कार्रवाई
माकपा पोलित ब्यूरो ने व्यापम घोटाला, पनामा पेपर्स और कर्नाटक में अवैध खनन घोटाला जैसे भ्रष्टाचार के उन मामलों की जांच कराने की मांग की जिनमें भाजपा नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं.
बयान में कहा गया है कि भाजपा शासित राज्यों में घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों की फेहरिस्त लंबी है लेकिन अब तक किसी मामले में जांच नहीं हुयी है. प्रधानमंत्री और भाजपा के भ्रष्टाचार को लेकर पाखंड का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ही भ्रष्टाचार के मामलों की पड़ताल होती है जबकि संसद द्वारा पारित लोकपाल कानून को लागू नहीं किया जा रहा है.
इससे साफ जाहिर है कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम के दायरे में विपक्ष के नेताओं को तो घेरा जा रहा है लेकिन भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे भाजपा नेताओं और राज्य सरकारों को बचाया जा रहा है.