नरेंद्र मोदी सरकार ने माना, 60 प्रतिशत कम हुए नौकरी के अवसर
नरेंद्र मोदी भलें ही बड़ी-बड़ी वायदे व दावे करें, पर सच यह है कि सरकार नई नौकरियां दिलाने में असफल रही है. इसका खुलासा केंद्र की श्रम मंत्रालय की एक रिपोर्ट से हुअा है. रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले तीन सालों में नई नौकरियों के अवसर में 60 प्रतिशत की कमी अायी है. श्रम मंत्रालय के अांकड़े के मुताबिक वर्ष 2014 में 4.21 लाख नई नौकरियों के अवसर पैदा हुए. जबकि वर्ष 2015 में सिर्फ 1.35 लाख नई नौकरियों के अवसर पैदा किया जा सका. इसी तरह वर्ष 2016 का अांकड़ा भी यही है. वर्ष 2016 में भी 1.35 करोड़ नई नौकरियों के अवसर ही बोरोजगार युवकों को मिल पाया.
दो करोड़ युवकों को नौकरी का वायदा किया था
नव भारत टाईम्स की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर यह वायदा किया था कि सरकार एेसी योजनाएं बना रही हैं. एेसी पॉलिसियां बना रही है. जिसमें की प्रति वर्ष दो करोड़ नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे. खबर में अर्थशास्त्री सारथी अाचार्य के हवाले से कहा गया है कि नई नौकरियों में गिरावट आने की सबसे बड़ी वजह मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ में तेज गिरावट है. पिछले तीन साल में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 10 से घट कर एक प्रतिशत रह गई है. इसका कारण है कि मार्केट में डिमांड नहीं है. डिमांड नहीं रहने का मतलब है कि खरीददारी नहीं हो रही है. ऐसे में कंपनियां को उत्पादन कम करना पड़ रहा है. जब उत्पादन कम होगा तो फिर किस तरह से बाजार में नई नौकरियां अायेगी.
स्किल डिवेलपमेंट स्कीम के तहत 30 लाख को ट्रेनिंग दी, नौकरी मिली सिर्फ तीन लाख को
नई नौकरियों में बड़े पैमाने पर गिरावट अाने से मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना स्किल डिवेलपमेंट स्कीम पर भी सवाल उठने लगे हैं. इसके जरिए देश में व्यापक पैमाने पर जॉब मिलने की उम्मीद जतायी गयी थी. पिछले तीन सालों में 30 लाख से अधिक नौजवानों को इस स्कीम के तहत ट्रेनिंग देने का दावा सरकार कर रही है. पर नौकरी सिर्फ तीन लाख लोगों को मिली है. इस स्कीम के तहत 2016 से 2020 के लिए सरकार ने 12,000 करोड़ का बजट प्रावधान किया है.