मामले की अगली विस्तृत सुनवाई 11 सितंबर को होगी
मामला एनएच-32 के राजगंज से महुदा के बीच 56 किमी चाैड़ीकरण कार्य का
रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने बुधवार को राजगंज से महुदा एनएच-32 के 56 किमी चाैड़ीकरण कार्य काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रतिवादी राज्य सरकार, नेशनल हाइवे अॉथोरिटी अॉफ इंडिया (एनएचएआइ) व बीसीसीएल को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि प्लीडर कमिश्नरों की रिपोर्ट के आलोक में शपथ पत्र के माध्यम से प्रतिवादी अपना जवाब दाखिल करें. इसके बाद जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट अवसर नहीं देगा. खंडपीठ ने मामले की अगली विस्तृत सुनवाई के लिए 11 सितंबर की तिथि निर्धारित की.
सड़क के नीचे जल रही है आगइससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता महेश तिवारी व अधिवक्ता कुमारी शिखा ने खंडपीठ को बताया कि राजगंज से महुदा के बीच एनएच-32 का चाैड़ीकरण कार्य किया जा रहा है, जबकि सड़क के नीचे भूमिगत आग जल रही है. सड़क टिकाऊ नहीं है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. यह जानते हुए भी कि सड़क के नीचे आग लगी हुई है, चाैड़ीकरण करना जनता के पैसे का दुरुपयोग है. एनएचएआइ ने 458 करोड़ रुपये में अशोका बिल्डकॉन को ठेका दिया है. कार्य भी शुरू कर दिया गया है. उन्होंने कार्य पर रोक लगाने का आग्रह किया.
प्लीडर कमिश्नरों ने की थी जांच
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विजय कुमार ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि राजगंज से महुदा के बीच एनएच चाैड़ीकरण कार्य को बंद किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके नीचे भूमिगत आग जल रही है. आग के ऊपर सड़क चाैड़ीकरण करना भविष्य में बड़े हादसे को निमंत्रण देने जैसा है. पूर्व में कोर्ट ने अधिवक्ता सुदर्शन श्रीवास्तव व अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा को प्लीडर कमिश्नर नियुक्त किया था. उनसे स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा था. प्लीडर कमिश्नरों ने अपनी रिपोर्ट में राजगंज-महुदा एनएच के नीचे आग होने की बात कही है. यह भी कहा गया है कि यहां जियोलॉजिकल सर्वे भी नहीं कराया गया है.