एक लाख की आबादी पर होगी एक एंबुलेंस की व्यवस्था : स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि राज्य में बेहतर चिकित्सा प्रदान करने के लिए जल्द ही 108 नंबर की एंबुलेंस सेवा को शुरू करने की योजना है. एक लाख की आबादी पर एक एंबुलेंस की सुविधा दी जायेगी. एमबीबीएस की सीटों को 300 से बढ़ाकर डबल किया रहा है. स्वास्थ्य मंत्री सरकार के 1000 दिन के कार्यकाल की उपलब्धियों बताते हुए सूचना भवन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पलामू, हजारीबाग एवं दुमका में तीन मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इन तीनों मेडिकल कॉलेजों में 100-100 सीट के साथ एमबीबीएस की पढ़ाई सत्र 2018-19 में प्रारंभ किया जा सकता है.
सत्र 2019-20 से एम्स की पढ़ाई
एम्स निर्माण के लिए राज्य सरकार ने देवघर में जमीन उपलब्ध करा दी है. जल्द ही इसका निर्माण कार्य भी शुरू किया जायेगा. एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर के परिसर में 500 बेड के अस्पताल निर्माण के लिए 429 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. धनबाद में पीएमसीएच को सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक बनाया जा रहा है. रांची सदर अस्पताल में 200 बेड के उपखंड को आरंभ किया गया है. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हर परिवार का स्वास्थ्य बीमा किया जा रहा है.
राज्य में 2000 के बदले सिर्फ 300 एमबीबीएस की पढ़ाई
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि देश भर में एमबीबीएस की 67000 सीटें हैं. झारखंड की आबादी देश में तीन प्रतिशत है और उस अनुपात में यहां एमबीबीएस की 2000 सीटें होनी चाहिए, लेकिन मात्र 300 सीटें ही हैं. जिसे डबल करने के बाद भी यह मात्र 600 सीटें ही होंगी. सत्र 2019-20 में देवघर एम्स की पढ़ाई शुरू हो जायेगी. चिकित्सकों व विशेषज्ञों एवं स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
राज्य में 50 प्रतिशत डॉक्टर की है कमी
राज्य में स्वास्थ्य का हाल बेहाल है. शहरी क्षेत्रों में हालत तो कुछ ठीक भी है. ग्रामीण क्षेत्रों की हालत काफी चिंताजनक है. पूरे राज्य में 50 प्रतिशत डॉक्टरो की कमी है. ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ डॉक्टरों को नियुक्त भी किया गया है, पर वे उपस्थित नहीं रहते. डॉक्टर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केन्द्र में एम्बुलेंस, दवा सहित कई समस्या से लोगों को दो चार होना पड़ता है. सरकारी सेवा में लगे कई डॉक्टर निजी प्रैक्टिस में व्यस्त रहते हैं. राज्य में निजी प्रैक्टिस पर रोक के लिए कोई निति नहीं है.