केन्द्रीय कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी ने पेड़ पर फांसी लगाकर कथित रूप से खुदकुशी कर ली. इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में प्रधान बंदीरक्षक को निलम्बित कर दिया गया है.
भाभी और भतीजी की हत्या करने के जुर्म में काट रहा था सजा
कारागार के आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि बदायूं के हरिनगला गांव के निवासी कल्याण (45) को वर्ष 2005 में अपनी भाभी और भतीजी की हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी. वह 25 मार्च 2012 से बरेली केन्द्रीय कारागार में बंद था.
पेड़ से लटका मिला शव
उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह सात बजे बैरक का बाड़ा खोला गया था. नित्य क्रिया और स्नान के बाद सुबह 11 बजे से भोजन वितरण हुआ. बंदी खाने और अपनी बातचीत में मशगूल हो गए और ड्यूटी में तैनात बंदीरक्षक भी इधर-उधर हो गए. इसी दौरान कल्याण ने बैरक के पीछे की तरफ लगे जामुन के पेड़ पर जेल में मिले अपने अंगोछे से फंदा बनाया और लटक गया. पेड़ की तरफ गए एक कैदी की निगाह कल्याण के शव पर पड़ी तो उसने जेल प्रशासन को सूचना दी.
शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया
सूत्रों ने बताया कि मामले में लापरवाही उजागर होने पर प्रधान बंदीरक्षक राजीव कुमार तिवारी को निलंबित कर दिया गया. इसके अलावा मामले की विभागीय जांच के आदेश भी दिये गये हैं. शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया.