संयुक्त राष्ट्र महासभा से पांच देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठक की. उन्होंने ट्यूनीशिया, बहरीन, लातविया, संयुक्त अरब अमीरात और डेनमार्क के विदेश मंत्रियों के साथ वार्ता की. यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, वार्ता मुख्य रुप से द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित थी. बैठक के दौरान सुषमा ने ट्यूनीशिया के विदेश मंत्री खेमेइस झानाओई से कहा कि वह 30 और 31 अक्तूबर को नयी दिल्ली में दोनों देशों के बीच होने वाली संयुक्त आयोग की अगली बैठक का इंतजार कर रही हैं.
डेनमार्क नवंबर के पहले हफ्ते में होने जा रहे वर्ल्ड फूड इंडिया एक्स्ट्रावेगेंजा में भी भागीदारी कर रहा है. उन्होंने भारत में निवेश के लिए भी डेनमार्क को आमंत्रित किया. सुषमा की लातविया के विदेश मंत्री एडगर्स रिनकेविक्स के साथ बैठक में व्यापार संबंधों के विस्तार पर चर्चा की गयी. कुमार ने कहा, लातविया के विदेश मंत्री ने घोषणा की है कि उनके प्रधानमंत्री इस साल के अंत में होने वाले विश्व खाद्य सम्मेलन के लिए भारत जाएंगे, साथ ही उन्होंने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढाने को लेकर दोनों नेताओं ने चर्चा की. संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान के साथ वार्ता में दोनों नेताओं ने यूएई से और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में लाने के प्रयासों पर चर्चा की.
यूएई भारत का रणनीतिक साझेदार है. भारत और यूएई के बीच 52.8 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है. कुमार ने कहा, यह देखा गया कि इस समय यह दर, क्षमता से कम है. ऊर्जा क्षेत्र, नागरिक उड्डयन खासकर क्षमता निर्माण और बेहतर कार्यप्रणालियों में सहयोग को लेकर चर्चा की गई. अंतिम द्विपक्षीय वार्ता के लिए सुषमा स्वराज बहरीन के अपने समकक्ष खालिद बिन अहमद अल खलीफा से मिलीं. कुमार ने बताया कि दोनों देशों के बीच विदेश मंत्रालय स्तर पर संयुक्त आयोग की पहले से ही एक व्यवस्था मौजूद है और दोनों नेताओं ने चर्चा की कि कैसे यह बैठक जल्द से जल्द हो. उन्होंने बताया, कुछ चर्चाएं क्षेत्रीय मुद्दों पर भी हुईं खासकर खाडी की स्थिति पर.