पोस्टकार्ड अभियान चलेगा, राज्यपाल को पोस्टकार्ड सौंपकर दिया जायेगा त्राहिमाम संदेश, मशाल जुलूस व धरना भी होगा
राजा शिव प्रसाद कॉलेज झरिया के बेलगड़िया स्थानांतरण के खिलाफ युवक कांग्रेस ने चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है. आंदोलन 19 सितंबर से प्रारंभ होकर दो अक्तूबर तक चलेगा. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर फिर आंदोलन की अगली रणनीति तय होगी. झारखंड युवक कांग्रेस के वरीय उपाध्यक्ष अभिजीत राज ने सोमवार को धनबाद सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी. मौके पर जिला अध्यक्ष कुमार संभव सिंह, प्रदेश सचिव कुमार गौर उर्फ सोनू, गजेंद्र सिंह, एहसान खान, संजय वर्मा समेत जिला कमेटी के सभी पदाधिकारी व विधानसभा अध्यक्ष मौजूद थे.
अभिजीत ने आरोप लगाया कि देश के चंद बड़े कारोबारियों की नजर धनबाद के कोयले पर है. केंद्र व राज्य की सरकार संबंधित व्यवसायिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए फैसले ले रही है. इसी के तहत डीसी रेल लाइन बंद की गयी. आरएसपी कॉलेज का स्थानांतरण किया गया. अब आग व भूधंसान का बहाना बनाकर पूरे झरिया को खाली कराने को योजना है. झरिया दौरे में जनहित व छात्रहित में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह व सह प्रभारी उमंग सिंघार ने इन जनमुद्दों को लेकर आंदोलन करने की बात कही थी. इसी आलोक में युवक कांग्रेस ने चरणबद्ध आंदोलन का फैसला किया है.
कांग्रेस भी देगी साथ
अभिजीत ने कहा कि युवक कांग्रेस के साथ कांग्रेस पार्टी भी आंदोलन में रहेगी. रांची से दिल्ली तक लड़ाई होगी. आंदोलन के प्रथम चरण में पोस्टकार्ड अभियान चलाया जायेगा. युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता आरएसपी में पढ़ने वाले छात्र व उनके अभिभावकों से कॉलेज स्थानांतरण के खिलाफ पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करायेंगे. यह अभियान 19 से 26 सितंबर तक चलेगा. मीडिया के माध्यम से जानकारी देकर 30 सितंबर को हस्ताक्षरयुक्त पोस्टकार्ड रांची में राज्यपाल को सौंपा जायेगा. राज्यपाल से आरएसपी कॉलेज को झरिया में ही रखने की मांग होगी. इंदिरा चौक से आरएसपी कॉलेज तक एक अक्तूबर को मशाल जुलूस व दो अक्तूबर को आरएसपी के सामने धरना कार्यक्रम शुरु किया जायेगा.
बेलगड़िया में नहीं है सुविधा
बताया गया कि युवक कांग्रेस के उपाध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारी ने बेलगड़िया जाकर कॉलेज भवन को देखा. कॉलेज के लिए समुचित जगह व कमरा नहीं है. झरिया व आसपास के छात्रों को बेलगड़िया जाने में आवागमन की सुविधा नहीं है. ऑटो समेत अन्य वाहनों से जाने में खर्च है. ऐसे में सभी छात्र आर्थिक बोझ नहीं उठा सकते हैं.