अजय नारायण लाल और सुरेंद्र अरोड़ा ने नाम वापस लिया
धनबाद
आखिरकार चेतन गोयनका को जिला चेंबर महासचिव की कमान सौंप दी गयी. पांच दिनों तक चले शीत युद्ध के बाद सोमवार को सुरेंद्र अरोड़ा ने कुछ शर्तें के साथ नाम वापस ले लिया. दूसरी ओर संगठन हित में अजय नारायण लाल ने भी अपना नाम वापस ले लिया. लिहाजा चेतन गोयनका को महासचिव चुन लिया गया. इसके साथ ही जिला चेंबर पर पुरानी कमेटी का कब्जा बरकरार हो गया. 17 अगस्त को अग्रसेन भवन पुराना बाजार में हुई आम सभा में अध्यक्ष पद पर राजेश गुप्ता व कोषाध्यक्ष पद पर अशोक साव को सर्वसम्मति से चुन लिया गया था. महासचिव पर आम सहमति नहीं बनने के आलोक में 21 अगस्त शाम पांच बजे तक का समय दिया गया था. बैठक में चुनाव पदाधिकारी सुरेंद्र अरोड़ा, मणिशंकर केसरी व शिवाशीष पांडेय, जिला चेंबर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, कोषाध्यक्ष अशोक साव, उदय प्रताप सिंह, ज्ञानदेव अग्रवाल, बाबूलाल पटेल, प्रभात सुरोलिया, प्रमोद गोयल, श्याम गुप्ता व संजय माकन उपस्थित थे.
आम सहमति में अजय व सोहराब की भूमिका सराहनीय
आम सहमति में पुराना बाजार चेंबर के सचिव अजय नारायण लाल व अध्यक्ष मो सोहराब की महत्वपूर्ण भूमिका रही. रांगाटांड़ में हुई चुनाव पदाधिकारियों की बैठक में सबसे पहले अजय नारायण लाल ने अपना नाम वापस ले लिया. सुरेंद्र अरोड़ा ने नाम वापस लेने के लिए चार शर्तें रखी. जिला चेंबर ने उनकी शर्तों पर विचार करने का आश्वासन दिया. इसके साथ सुरेंद्र अरोड़ा ने अपना नाम वापस ले लिया. चुनाव पदाधिकारी सुरेंद्र ठक्कर, मणिशंकर केसरी व शिवाशीष पांडे ने वैधानिक रूप से चेतन गोयनका को महासचिव के नाम की घोषणा की.
क्या थी सुरेंद्र की शर्तें
-कार्यकारिणी की बैठक का मिनट्स हर चेंबर को मिलना चाहिए
-आम सभा की घोषणा के बाद पार्टी की प्रथा नहीं होनी चाहिए
-जिला चेंबर के पदाधिकारी साल में एक बार सभी चेंबर में विजिट करे
-नया चेंबर का गठन करने के पहले सभी चेंबरों को सूचित किया जाये
जिला चेंबर का अपना होगा कार्यालय : चेतन
नवनिर्वाचित महासचिव चेतन गोयनका ने कहा कि जिला चेंबर का कार्यालय निर्माणाधीन है. उसे जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास करूंगा. वैसे चेंबर जो निष्क्रिय हो गये हैं उन्हें सक्रिय करूंगा. जिला चेंबर की सदस्यता बढ़ाने व पेंडिंग कार्य को पूरा करने का प्रयास करेंगे.