मिस्टर रिक्शावाला से अब बोट में भी सवारी
रोजमर्रा की जिंदगी को साडा कैंपस ने बनाया आसान
आइआइटी आइएसएम, धनबाद के स्टूडेंट्स द्वारा शुरू हुए कुछ स्टार्टअप आज कंपनी में तब्दील हो चुके हैं. व्यवसाय की आय बढ़ने के साथ ही इनका विस्तार भी हुआ. इसी तरह टोटल वेस्ट सोल्यूशन (टोवेसो) के डेढ़ साल पूरे हो चुके हैं और यह स्टार्टअप से प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन चुका है. इस स्टार्टअप का उद्देश्य कम से कम कचरे की बरबादी है. इसमें बायो गैस बनाने से लेकर प्लास्टिक रोड तक का बनाने का काम होता है. इसी तरह मिस्टर रिक्शा वाला बनारस में शुरू किया गया स्टार्टअप है. इसमें लोगों को आधुनिक रिक्शे से बनारस घूमने का मौका दिया जाता है. अन्य स्टार्टअप में साडा कैंपस, स्वीट कार्ट, रेवेयू भी सफल रहा है.
ऐसे शुरू हुआ टोवेसो स्टार्टअप की शुरुआत 16 फरवरी 2016 को एक लाख रुपये की फंडिंग से हुई थी. 27 स्टूडेंट्स की टीम थी, जिसमें सात कोर मेंबर थे. सबसे पहले धनबाद के जयप्रकाश नगर से 300 घरों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम शुरू हुआ. आज कोर टीम में पांच लोग हैं और कर्मचारी व इंटर्न मिला कर कुल 17 लोग हैं. 9.5 लाख रुपये का टर्न ओवर है. यह स्टार्टअप 24 अगस्त 2016 को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर रजिस्टर हो गया और 12 अगस्त 2017 को यह स्टार्टअप इंडिया से भी स्वीकृति मिल चुकी है. खास बात है कि टीम ने चास नगर निगम को स्वच्छता रैंकिंग में सुधार लाने में भी काफी सहयोग किया. चास में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन, लैंड फील रेमेडिएशन, ऑन साइट कंपोस्टिंग फॉर बल्क गार्बेज जेनरेटर, वेस्ट टू कंपोस्ट एवं प्लास्टिक रोड पर भी काम किया. प्लास्टिक रोड से न केवल 8-10 प्रतिशत कम अलकतरे का इस्तेमाल हुआ, बल्कि उतना ही वेस्ट प्लास्टिक को रोड निर्माण में ठिकाना लगाया जा सका. यह स्टार्टअप को अर्बन सैनीटेशन मैगजीन, चास नगर निगम व धनबाद में बेस्ट प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसी का अवार्ड जीत चुकी है. स्टार्ट अप को सौरभ कुमार, सोनी कुमारी, गौरव करवाशारा, हरी, अमित आदि चला रहे हैं.
अब बोट की भी सवारी
मिस्टर रिक्शा वाला (सेरेनिटी रूट्स) में बनारस में लोगों को रिक्शे की रॉयल सवारी करायी जाती है. मॉर्निंग टूर में दशाशवमेध घाट, मनमंदिर महल, भारत माता मंदिर व लक्ष्मी चाय शॉप घुमाया जाता है. वहीं डे टूर में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, भारत कला भवन, न्यू विश्वनाथ टेंपल एवं इवनिंग टूर में हरिशचंद्र घाट, लोलार्क कुंड, रानी लक्ष्मी बाई मोमेंट व अस्सी घाट घुमाया जाता है. इस रॉयल रिक्शे की सवारी अब तक 35 देशों के पर्यटक कर चुके हैं. इस स्टार्टअप में अब मिस्टर बोट वाला के माध्यम से लोगों को बनारस में बोट की भी रॉयल सवारी करायी जा रही है. स्टार्टअप में अभिनव पेशवानी व अन्य शामिल हैं.
ऐसे शुरू हुआ साडा कैंपस
साडा कैंपस को दो साल पहले आइएसएम स्टूडेंट्स ने खाद्य वितरण, कपड़े धोने, बुक किराये पर लेने और अन्य कैंपस समस्याओं को सुलझाने के लिए शुरू किया था. सौरभ काबरा व स्पर्श चौधरी ने अपने दोस्तों के लिए इसे शुरू किया था, जो अब एक ब्रांड बन चुका है. अब आइआइटी आइएसएम के अलावा बीआइटी सिंदरी व आरएनटी मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में इसके माध्यम से लोगों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. प्रतिदिन लगभग 100 ऑर्डरों को पूरा किया जाता है. दीपावली से एक दिन पहले पिछले साल इको दीवाली के उद्देश्य से एरीसी लांटरन फेस्टिवल का आयोजन किया था और हवा में 500 लांटेन उड़ा कर जीवन ज्योति फाउंडेशन के वंचित अनाथ बच्चों के लिए भोज और उत्सव का आयोजन किया था. स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव, बीआइटी सिंदरी में बिजनेस प्लान प्रतियोगिता में यह दूसरे स्थान पर रहा और नैसकॉम के ऊष्मायन के लिए आगे का चयन किया गया. हाल ही में कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए इसका एंड्रॉइड ऐप लांच किया गया है. साडा कैंपस को स्पर्श चौधरी व अन्य मिल कर चला रहे हैं