सिंफर धनबाद में तीन दिवसीय सीएसआइआर प्लेटिनम जयंती समारोह
जिंदगी भले ही छोटी हो, लेकिन यादगार होनी चाहिए. जिंदगी का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए. उक्त बातें विज्ञान भारती के राष्ट्रीय महासचिव ए जय कुमार ने कही. वे सोमवार से सिंफर, धनबाद में आयोजित तीन दिवसीय सीएसआइआर प्लेटिनम जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने स्वामी विवेकानंद एवं वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का भी उदाहरण दिया. यहां समारोह के तहत विज्ञान व प्रौद्योगिकी से संबंधित कैप्शुल प्रदर्शनी एवं उद्योग सम्मेलन के साथ सार्वजनिक पहुंच अर्थात मुक्त दिवस का आयोजन किया गया था. सिंफर निदेशक डॉ पीके सिंह ने बच्चों को अध्ययन पद्धति व सोच में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी. साथ ही संस्था के वैज्ञानिकों से संपर्क एवं तकनीकी ज्ञान सीखने के लिए कहा. कार्यक्रम में जिज्ञासा कार्यक्रम की शुरुआत की गयी. साथ ही विज्ञान भारती/सिंफर की गतिविधियों से संबंधित वीडियो को दिखाया गया. मौके पर डॉ सीएन घोष, डॉ राजेंद्र सिंह, डॉ सिद्धार्थ सिंह, डॉ इश्तियाक अहमद, डॉ केके सिंह, डॉ आरवीके सिंह, डॉ बबली प्रसाद, डॉ डीबी सिंह, अशोक कुजूर, संजय कुमार आदि मौजूद थे.
इन विषयों पर कैप्शुल प्रदर्शनी : जेनरिक्स एंड हेल्थ केयर, एनर्जी, मेटेरियल, मिनरल व माइनिंग, इनेब्लिंग लेदर, इकॉलोजी एंड इनवायरमेंट, वाटर, एग्रीकल्चर एंड फॉर्टिकल्चर, फूड एंड न्यूट्रिशन, केमिकल एंड पेट्रो केमिकल, इंटलैक्चुअल प्रोपर्टी एंड इंटरप्रीनियरशिप, नर्चरिंग ह्यूमन रिसोर्स, सीएसआइआर 800 (सोशल इंटरवेंशन), इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, एरोस्पेश एंड स्ट्रैटजिक सेक्टर के स्टॉल कैप्शुल प्रदर्शनी में लगायी गयी थी. इसमें सीएसआइआर के विभिन्न लैबों द्वारा 75 वर्षों में किये गये अनुसंधान एवं एवं उल्लेखनीय कार्यों का उल्लेख किया गया था. विशेषज्ञों ने बच्चों को जानकारी भी दी.
बच्चों को मिली जानकारी : बच्चों को वैज्ञानिकों ने कार्बन डायऑक्साइड के अवशोषण की प्रमुख तकनीक, प्रकाश रहित वातावरण में प्रकाशसंश्लेषण की प्रक्रिया खनन के दौरान विस्फोटन से पैदा होनेवाले चट्टानों के ओवरवर्डन के बारे में जानकारी दी गयी. कार्यक्रम को डॉ पी पाल रॉय, डिगवाडीह सिंफर के प्रभारी वैज्ञानिक आशीष मुखर्जी, डॉ राजेंद्र सिंह आदि ने भी संबोधित किया.
उद्योग जगत से आये प्रतिनिधि : कार्यक्रम में विभिन्न उद्योगों से जुड़े करीब 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया. इनमें एनएमडीसी, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, एनटीपीसी, कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियां, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड व ओएनजीसी के प्रतिनिधि शामिल थे. इस दौरान प्रतिनिधियों ने भी सीएसआइआर सिंफर द्वारा प्रदत्त तकनीकी सहयोग की प्रशंसा की.
व्वाइस कमांड से कोल ट्रांसपोर्टिंग : कैप्शुल प्रदर्शनी के अलावा सिंफर, धनबाद की भी प्रदर्शनी लगायी गयी थी. इसमें व्वाइस ऑपरेटेड ऑटोमेटिक कोल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के मॉडल का प्रदर्शन किया गया. डॉ दिलीप कुंभकार ने बताया कि एक आवाज पर काम करता है. मसलन स्टॉप बोलने से यह रुक जाता है और फिर स्टार्ट बोलने से चलने लगता है. इस तरह दूर बैठ कर भी इसे ऑपरेट किया जा सकता है. लाभ यह है कि इससे जरा सा भी कोल बरबाद नहीं होता है. फिलहाल इसे लैब लेबल पर तैयार किया गया है. 50 लाख रुपये का पायलट लेबल का प्रोजेक्ट भी मिला है, जिसे सिंफर डिगवाडीह के यूनिट में लगाया जायेगा. इसी तरह रॉक टेस्ट इंडेंटर का मॉडल लगाया गया था. डॉ सहेंद्र राम ने बताया कि यह अंडरग्राउंड माइनिंग में सपोर्ट डिजाइन करने के काम में आता है, ताकि जहां से कोयला निकल चुका है वह गिरे नहीं और कोई हताहत नहीं हो. साथ ही इससे माइंस का स्ट्रेंथ तुरंत पता चल जाता है. इसी तरह हाई प्रेशर स्टेम चार्जिंग ओवन का मॉडल था. इंद्रजीत मंडल ने बताया कि इसमें कोयले को कंप्रेस करते हैं, जिससे एक तिहाई कम कोयले से उतनी ही उर्जा मिलती है.
इन स्कूलों के स्टूडेंट्स ने देखी प्रदर्शनी : केंद्रीय विद्यालय नंबर दो सरायढेला, केंद्रीय विद्यालय नंबर वन बिनोदनगर, जवाहर नवोदय विद्यालय बेनागोड़िया निरसा, आरबीबी राजगंज उच्च विद्यालय, लोवाडीह उत्क्रमित उवि, प्लस टू उवि गोविंदपुर, डी-नोबिली सीएमआरआइ, कार्मेल स्कूल धनबाद, द्वारका मेमोरियल फाउंडेशन एकेडमी आदि के करीब तीन हजार स्टूडेंट्स शामिल हुए.